कुछ पल जिन्दगी जैसे, जिंदगी के ही दामन से चुरा लिए मैंने । उन्ही जीवंत पलों को शब्दों मे पिरो कर पेश कर रहा हूँ। ये महफ़िल है मेरे दिल की, यहाँ कुछ गीत मिलेंगे सुर छेड़ते हुए, कुछ गज़लें होंगी हाथों मे जाम लिए, कुछ कवितायेँ भी मिलेंगी गहरी आँखों वाली, कुछ किस्से कुछ किरदार, इनमे से कुछ भी अगर आपके दिल को छू पाये तो खुशकिस्मत समझूंगा अपने आप को ....
ताज़ा गीत- love Story
9.5.12
रूठे रूठे से हबीब - सुनीता यादव और रीतेश खरे के साथ
कविता - रूठे रूठे से हबीब रचना - सजीव सारथी स्वर - सुनीता यादव और रीतेश खरे
1 टिप्पणी:
प्रयोग लुभावना है...पहल पे शत शत सराहना है!
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